क्या आपने कभी सोचा है कि नियमित स्टॉक मार्केट समय (9:15 AM से 3:30 PM) के अलावा भी ट्रेडिंग हो सकती है? जी हाँ, प्री-मार्केट और आफ्टर-मार्केट सेशन के जरिए आप ऐसा कर सकते हैं!
आसान भाषा में समझें तो, प्री-मार्केट स्टॉक मार्केट खुलने से पहले का एक छोटा सा समय होता है, जहां आप कुछ खास परिस्थितियों में शेयरों को खरीद या बेच सकते हैं. वहीं आफ्टर-मार्केट में रेगुलर मार्केट बंद होने के बाद थोड़े समय के लिए ट्रेडिंग की सुविधा मिलती है |
प्री-मार्केट सेशन (Pre-Market Session)
भारत में, प्री-मार्केट सेशन सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे के बीच चलता है. इस दौरान आप ऑर्डर लगा सकते हैं, जिन्हें बाद में मैच किया जाता है | यह प्री-ओपनिंग सेशन इसलिए जरूरी है ताकि रेगुलर मार्केट खुलते समय शेयरों के लिए एक संतुलित शुरुआती कीमत निर्धारित की जा सके |
उदाहरण के लिए: मान लीजिए किसी कंपनी के बारे में कोई बड़ी घोषणा रात में हुई है. ऐसे में, प्री-मार्केट सेशन इन्वेस्टर्स को उस खबर पर रिएक्ट करने का मौका देता है, जिससे रेगुलर मार्केट खुलते समय उस शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव आ सकता है.
यह भी जानें: शेयर बाजार में RBI की भूमिका, Monetary Policy & Share Market
आफ्टर-मार्केट सेशन (After-Market Session)
भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में आफ्टर-मार्केट सेशन शाम 3:40 बजे से 4:00 बजे के बीच चलता है. इस दौरान आप केवल “बाजार मूल्य” (Market Price) पर ऑर्डर लगा सकते हैं, जिन्हें तुरंत निष्पादित कर दिया जाता है.
उदाहरण के लिए: मान लीजिए आप किसी कंपनी के शाम को जारी होने वाली कमाई रिपोर्ट (Earnings Report) के नतीजों को लेकर आशंकित हैं. ऐसे में, आप आफ्टर-मार्केट सेशन में उस कंपनी के शेयर बेच सकते हैं | हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि आफ्टर-मार्केट में ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) कम होता है, जिससे प्राइस मूवमेंट (Price Movement) ज्यादा अस्थिर (Volatile) हो सकता है.
Pros and Cons of Pre-Market and After-Market Trading
फायदे (Pros):
- रेगुलर मार्केट खुलने से पहले या बंद होने के बाद भी ट्रेडिंग का मौका
- महत्वपूर्ण खबरों पर जल्दी प्रतिक्रिया देने का विकल्प
नुकसान (Cons):
- कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण अधिक अस्थिरता (Volatility)
- ऑर्डर मिलने की गारंटी नहीं (No Guarantee of Order Execution)
- प्री-मार्केट और आफ्टर-मार्केट ट्रेडिंग हर ब्रोकर के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाता है (Not Offered by All Brokers)
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Points)
- प्री-मार्केट और अफ्टर-मार्केट सेशन regular day trading hours से अलग होते हैं।
- इन सेशनों में लिक्विडिटी (Liquidity) कम होती है, इसलिए कीमतें अधिक अस्थिर हो सकती हैं।
- छोटे निवेशक इन सेशनों में ट्रेडिंग करने से बचें क्योंकि जोखिम अधिक होता है।
- प्रमुख नई खबरें और घटनाक्रम इन सेशनों में शेयर कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्री-मार्केट और आफ्टर-मार्केट सेशन अनुभवी इन्वेस्टर्स के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन शुरुआती लोगों को सावधानी से इसका इस्तेमाल करना चाहिए. इसमें शामिल जोखिमों को समझना और उसी के अनुसार रणनीति बनाना जरूरी है.