Depreciation शब्द का इस्तेमाल कॉमर्स बैकग्राउंड वाले लोग ज़्यादा करते हैं पर इसका महत्त्व उन सभी लोगों के लिए है जो बिज़नेस को समझना चाहते हैं। शेयर बाजार में निवेश करना भी एक बिज़नेस में पैसा लगाना है। ऐसे में आपको बिज़नेस से जुड़ी बातों का ख्याल रखना चाहिए ताकि आपको आगे जाकर ज्यादा से ज्यादा फायदा हो।
आप अगर किसी भी बिज़नेस या स्टॉक मार्किट से सम्बन्ध रखते हैं तो डेप्रिसिएशन के बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए नहीं तो आपके मेहनत से कमाए गए पैसे कब आधे रह जायेंगे पता ही नहीं चलेगा। ये सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि भविष्य की चाबी है जिसे दुनिया का हर एक अमीर व्यक्ति जानता है।
आपको भी आगे चलकर अपना घर बनवाना है और दुनिया भर की चीज़ें खरीदनी है। अब कुछ भी खरीदने के लिए पैसे लगते हैं और हर एक चीज़ की एक कीमत होती है जिस पर हमे वो चीज़ खरीदने का अधिकार मिलता है। लेकिन पूरी कीमत देने के बाद भी वह चीज़ भविष्य में पहले जैसी नहीं रहेगी और हमे उसे बदलना पड़ेगा। अब समझते हैं Depreciation की असली डेफिनिशन को।
Meaning of Depreciation
Depreciation को हिंदी में मूल्यह्रास कहते हैं जिसका अर्थ है किसी संपत्ति या संपत्ति के आवासीय मद के मूल्य में कमी।
Depreciation क्या होता है?
हर एक एसेट की कीमत समय के साथ कम होती जाती है, उसी गिरावट या घिसावट को हम Depreciation कहते हैं। हालाँकि जमीन और कमोडिटी जैसे सोना, चाँदी इसका अपवाद है क्योंकि जमीन और कमोडिटी की कीमतें समय के साथ बढ़ती जाती हैं जबकि साइकिल, बाइक, कार, स्कूटर, आदि रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ों की वैल्यू घटती जाती है।
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चलिए मै आपको अपनी कहानी सुनाता हूँ।
ये साल 2013 की बात है जब मै स्कूल में था। मेरा बहुत मन था एक स्पोर्ट्स बाइक लेने का क्योंकि मेरे सभी दोस्तों के पास अपनी महँगी बाइक या स्कूटी थी। वहीँ मेरे पास बाबा आदम के ज़माने की जंग लगी हुई एटलस साइकिल थी। हालाँकि मैने उसकी सर्विस करके उसे चमका रखा था तो जंग छिप गया था।
मतलब कह सकते हैं की साइकिल डेप्रीशीट हो गयी थी लेकिन मैने उस पर काफी खर्चा (expenses) करके उसकी वैल्यू गिरने से बचा रखा था।
फिर भी जैसे जवान लड़को को चाहत होती है नयी बाइक चलने की, वैसे मुझे भी थी पर उस समय बाइक चोरी होने की घटना बहुत हो रही थी तो शायद घर वाले इसलिए बाइक खरीदने से परहेज़ कर रहे होंगे।
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उसी समय मेरे मामा की बाइक भी चोरी हो गयी थी तो ये भी एक कारण था पर असल वजह तो पैसा न होना थी। हमारे पास उस समय पर्याप्त पैसे थे पर आखिरकार 2017 में वो समय आया जब मैने एक बाइक खरीदी जिसकी कीमत उस समय 90,183 रूपये थी लेकिन आज उसकी प्राइस घटकर मात्र 25,000 से 32,000 रूपये रह गयी है।
ऐसा क्या हुआ कि 90,000 की बाइक मात्र 25,000 की हो गयी। ऐसी कौनसी चीज़ थी जो इतने सारे पैसे खा गयी। जवाब है Depreciation।
जैसे जैसे समय बढ़ता है, आपके द्वारा खरीदी गयी वस्तुओं की कीमत घटने लगती है जैसे की मेरी बाइक की कीमत आधे से भी कम रह गयी। ऐसा स्मार्टफोन के साथ भी होता है। समय के साथ पुराने मॉडल सस्ते हो जाते हैं।
आईफोन में Depreciation
2007 में स्टीव जॉब्स ने पहली बार आईफोन को दुनिया के सामने उतारा था और 2008 में मेरे एक दूर के अंकल के पास वह आईफोन था। उस समय तो चारों तरफ उन्ही का बोलबाला था।
जब भी कोई किसी के हाथ में आईफोन देखता मानों उसी का गुलाम हो जाता। इसी वजह से आईफोन का शेयर उसकी intrinsic वैल्यू से बहुत ज़्यादा चला गया था।
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लेकिन आजकल जमाना बदल गया है, चाहे आईफोन हो या कोई अन्य स्मार्टफोन, उसकी वैल्यू सिर्फ 1-2 साल तक ही रहती है। जैसे ही नया आईफोन मार्किट में आता है पुराने वाले की वैल्यू कम होने लगती है।
कंपनी वाले सिस्टम सॉफ्टवेयर के अपडेट पर अपडेट लाते रहते हैं जिससे पुराने आईफोन की वैल्यू घिस जाती है और वे धीमे हो जाते हैं। यह बिज़नेस वालों के लिए तो बहुत अच्छी स्ट्रेटेजी है लेकिन ग्राहक के लिए सिरदर्द है।
Depreciation क्यों होता है?
- एसेट या सम्पत्तियों का इस्तेमाल होने के कारण वे घिस और टूट जाती है जिससे उनकी वैल्यू कम हो जाती है।
- कभी कभी ऐसा होता है कि बाजार में नयी चीज़ों के जाने से पुरानी चीज़ों की कीमत गिर जाती है।
- शेयर मार्किट के गिरने से भी Depreciation हो जाता है।
- कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो नाशवान होती हैं जैसे तेल के कुँए, खनिज लवण, आदि।
- जैसे आजकल हमारे भारत में कच्चे तेल यानि क्रूड आयल की कमी हो रही है तो पेट्रोल की कीमतें बढ़ गयी हैं और कोयले की कमी के कारण बिजली के बिल बढ़ गए हैं।
डिप्रेशिएशन कितने प्रकार का होता है?
डिप्रेशिएशन के 5 मुख्य प्रकार हैं:
- सामान्य डिप्रेशिएशन (Straight Line Depreciation) – इसमें संपत्ति के मूल्य को नियमित अंतरालों में कम किया जाता है। इसमें संपत्ति के मूल्य का वित्तीय अंतर्दृष्टि से निर्धारित होता है और संपत्ति के मूल्य का अंतिम राशि अंतिम समय तक समान होता है।
- द्विगुणन डिप्रेशिएशन (Double Declining Balance Depreciation) – इसमें संपत्ति के मूल्य को अधिक मात्रा में कम किया जाता है। इसमें संपत्ति के मूल्य को संपत्ति के उम्र से वित्तीय अंतर्दृष्टि से निर्धारित किया जाता है।
- उपयोग से होने वाली डिप्रेशिएशन (Unit of Production Depreciation) – इसमें संपत्ति के मूल्य को संपत्ति के उपयोग के अनुसार नियमित अंतरालों में कम किया जाता है। इस प्रकार की डिप्रेशिएशन की राशि उपयोगिता के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- एक्सेलरेटेड डिप्रेशिएशन (Accelerated Depreciation) – इसमें संपत्ति के मूल्य को पहले अवधि में अधिक मात्रा में कम किया जाता है और बाद में कम मात्रा में कम किया जाता है। यह प्रक्रिया संपत्ति के उम्र के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- डीप्रेशिएशन फंड (Depreciation Fund) – इसमें एक विशेष फंड में निर्धारित धनराशि को जमा किया जाता है। इस फंड का उपयोग बाद में संपत्ति के मूल्य कम करने के लिए किया जाता है।
इन प्रकारों के अलावा भी कुछ अन्य प्रकार के डिप्रेशिएशन होते हैं जैसे कि तय हुए डिप्रेशिएशन, बड़ी लागत वाले वस्तुओं का डिप्रेशिएशन आदि।
Depreciation का महत्व
डिप्रेशिएशन का महत्व व्यवसाय में बहुत उच्च होता है। कुछ महत्वपूर्ण कारणों के कारण यह अहम होता है, जिन्हें निम्नलिखित रूप से समझाया गया है:
व्यवसाय दर्शाता है कि उसकी संपत्ति का मूल्य धीमी गति से कम हो रहा है। डिप्रेशिएशन के अंकों के माध्यम से उसकी संपत्ति का मूल्य निर्धारित किया जा सकता है और व्यवसायकों को अपनी संपत्ति के मूल्य को अवलोकित करने में मदद मिलती है।
डिप्रेशिएशन व्यवसाय की आय को कम करता है और इससे कर का भी अपशिष्ट हो जाता है।
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इसके माध्यम से निर्माण और उपकरणों के खरीद के खर्च को व्यवसाय के द्वारा धीमी गति से अंतर्निहित किया जा सकता है।
डिप्रेशिएशन व्यवसाय के लिए निवेश के लिए उचित धन अलग करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, यदि व्यवसाय की संपत्ति का उपयोगी जीवनकाल 10 वर्ष है तो उसे बचाए रखने के लिए व्यवसायकर्ता को हर साल निश्चित धन को बचाना होगा।
व्यवसाय के लिए अंतिम लाभ को निर्धारित करने में मदद करता है। डिप्रेशिएशन बुक के अंकों के माध्यम से व्यवसायकर्ता अपनी संपत्ति के मूल्य का निर्धारण करते हैं और वह अंतिम लाभ में एक तय किए गए राशि को जोड़ते हैं।
इसलिए, डिप्रेशिएशन व्यवसाय के लिए अहम होता है क्योंकि यह व्यवसाय के संपत्ति के मूल्य के निर्धारण में मदद करता है और इससे व्यवसायकर्ता को अपने निवेश के बारे में जानकारी मिलती है कि उसे किस दिशा में ले जाना चाहिए। इससे व्यवसायकर्ता अपने व्यवसाय को सफलता की ओर ले जाने के लिए सही निर्णय ले सकता है।
डिप्रेशिएशन के संबंध में महत्वपूर्ण शब्द
संपत्ति: डिप्रेशिएशन संपत्ति के मूल्य के निर्धारण से संबंधित होता है।
मूल्य(Value): डिप्रेशिएशन के माध्यम से संपत्ति के मूल्य का निर्धारण होता है।
बुक मूल्य(Book Value): डिप्रेशिएशन बुक मूल्य को निर्धारित करता है जो व्यवसायकर्ता अपनी संपत्ति की कुल मूल्य में शामिल करता है।
बाकी मूल्य(Residual Value): यह वह मूल्य है जो बचा हुआ होता है जब संपत्ति के मूल्य से डिप्रेशिएशन की राशि कम कर दी जाती है।
डिप्रेशिएशन दर(Depreciation rate): यह राशि होती है जो संपत्ति की डिप्रेशिएशन के लिए निर्धारित की जाती है।
अधिकृत मानक(Authoritative standard): डिप्रेशिएशन को निर्धारित करने के लिए अधिकृत मानक और नियम होते हैं। व्यवसायकर्ता को इन नियमों का पालन करना चाहिए।
अचल संपत्ति(Immovable property): डिप्रेशिएशन का महत्व अचल संपत्ति की दृष्टि से होता है, जो लंबे समय तक उपयोगी रहती है।
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