Intrinsic Value Meaning in Hindi, इन्ट्रिंसिक प्राइस क्या है? कैसे निकालते हैं

दोस्तों शेयर मार्किट में अपने बहुत से लोगों के मुँह से intrinsic value का नाम सुना होगा। ये वास्तव में बहुत कमाल की तकनीक है जिसका इस्तेमाल करके वारेन बुफेट वैल्यू इन्वेस्टिंग करते हैं और दूसरों को भी सलाह देते हैं।

वैसे तो ये तकनीक काफी आसान और मामूली लगती है लेकिन अगर आपने इसे समझ लिया तो आगे चलकर ये बड़ा मुनाफा दे सकती है। ये ट्रेडिंग करने वाले लोगों के लिए नहीं है पर उन लोगों के लिए है जो लम्बे समय तक निवेश करना चाहते हैं।

आज हम जानेंगे कि आप कैसे इसका इस्तेमाल करके अपने लिए बड़ा प्रॉफिट बना सकते हैं। सबसे पहले इन्ट्रिंसिक वैल्यू का मतलब समझते हैं |

Intrinsic Value Meaning in Hindi

इन्ट्रिंसिक वैल्यू का मतलब किसी भी शेयर की वास्तविक कीमत से होता है। अभी शेयर की CMP क्या चल रही है उससे मतलब न होकर ये वैल्यू उस शेयर की असल कीमत बताती है।

Intrinsic Value को हम ढेर सारे नाम से जानते हैं जैसे True Value, वास्तविक कीमत या रियल वैल्यू। दुनिया के महानतम इन्वेस्टर Warren Buffet, Charlie Munger और पीटर लिंच भी स्टॉक को इन्ट्रिंसिक वैल्यू के हिसाब से share खरीदने की सलाह देते हैं।

Intrinsic Value meaning in hindi

वारेन बताते हैं कि कैसे उन्होंने 60 के दशक में कम आँकी जाने वाली कंपनियों के शेयर को उनकी इन्ट्रिंसिक वैल्यू के नीचे ख़रीदा जिनकी कीमत आज बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। पर दिक्कत ये है कि अच्छी कंपनियां कभी आपको फेयर प्राइस पर मिलेंगी ही नहीं और मिलेगी तो बहुत कम समय पर।

स्टॉक मार्किट में ऐसा बहुत कम होता है कि कोई हज़ार का मिलने वाला शेयर 200 रूपये का मिले। ऐसे मौके न के बराबर मिलते हैं और अगर ऐसा होता भी है तो उसी दिन बड़े खिलाड़ी मतलब शार्क इन्वेस्टर्स ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं और शेयर की वैल्यू वहीँ के वहीँ वापिस आ जाती है।

Intrinsic Value क्या है ?

इन्ट्रिंसिक प्राइस या आंतरिक मूल्य वह कीमत है जिस पर आप कोई भी शेयर बिना किसी नुकसान के साथ खरीद सकते हैं। यह सुनने में जितना मज़ेदार लगता है निकलने में उतना ही मुश्किल है।

Alexander Graham Formula to calculate Intrinsic Value in Hindi

एलेग्जेंडर ग्रैहम के ‘द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर‘ किताब लिखने से पहले ये वैल्यू निकलना बहुत मुश्किल काम था और काफी कम लोग ही थे जो कभी इस वैल्यू को निकालने की सोचते थे।

अच्छे-अच्छे इंवेस्टरर्स के पसीने छूट जाते हैं जब Intrinsic Value निकालने की बारी आती है लेकिन अलेग्ज़न्डर ग्रैहम के द्वारा दिए इस फॉरमूले के द्वारा आप किसी भी स्टॉक मार्किट में लिस्टेड कंपनी की इन्ट्रिंसिक प्राइस आराम से निकाल सकते हैं।

Intrinsic value = EPS × (8.5 + 2g) × 4.4]/Y

इस फॉर्मूले में E का मतलब Earnings per Share(TTM) है |

8.5 बेंजामिन ग्रैहम द्वारा निर्धारित एक कंपनी का फेयर P/E रेश्यो है। यदि कोई कंपनी तरक्की नहीं कर रही मतलब उसकी earnings कांस्टेंट है तो उसमे हम इस वैल्यू को ही रखा रहने देंगे नहीं तो असल PE ratio रखेंगे।

g की जगह हम उस प्रतिशत को रखेंगे जिससे कंपनी के आने वाले 7-10 सालों में तरक्की करने की सम्भावना है। इस फॉर्मूले में g को दोगुना किया गया है ताकि तरक्की को बढ़ाया जा सके।

4.4 की जगह आपको AAA USA bonds से मिलने वाले return को लिखना है। यहाँ पर बेंजामिन ग्रैहम ने 44 इसलिए लिखा है क्योंकि 1962 में अमेरिका के AAA कॉर्पोरेट बांड से इतना 44 प्रतिशत का रिटर्न ही मिलता था। इसे लिखने से हम बांड की तुलना में Equity से मिलने वाले रिटर्न का अंदाज़ा लगा सकते है।

Y की जगह आपको भारत से पिछले 10 साल में मिलने वाले AAA कॉर्पोरेट बांड्स के इंटरेस्ट रिटर्न परसेंट को लिखना है। अब भारत के बांड इसलिए लिखने पड़ रहे हैं क्योंकि हम इस फॉरमूले को भारतीय बाजार में इस्तेमाल करने जा रहे हैं।

What is Fair Price in HINDI?

फेयर वैल्यू या फेयर प्राइस वो कीमत होती है जिस पर किसी शेयर को खरीदना फायदेमंद हो सकता है जबकि Intrinsic Value होल्ड करने तक का समय प्रदान करती है।

Fair Value kya hai

हालाँकि इसके बाद तक भी मुनाफा हो सकता है लेकिन फिर रिस्क भी उतना ही बढ़ जाता है जैसा कि पैनी स्टॉक्स या सबसे सस्ते शेयर के केस में होता है।

बहुत से लोग तो फेयर प्राइस और Intrinsic Value को एक ही मानते हैं लेकिन ये दोनों बिलकुल अलग हैं। फेयर प्राइस हमेशा इन्ट्रिंसिक कीमत से कम होती है। पर जहाँ हम इन्ट्रिंसिक वैल्यू को ग्रैहम साहब के फॉर्मूले से आराम से निकाल सकते हैं । उस प्रकार फेयर प्राइस निकलने का कोई डायरेक्ट फार्मूला नहीं है।

इन्ट्रिंसिक वैल्यू जानने के फायदे

Intrinsic Value निकालकर आप ये पता कर सकते हैं कि फ़िलहाल किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत उसकी असल कीमत से ज़्यादा चल रही है या कम। जिन शेयर की कीमत बढ़ने की सम्भावना है आप उन्हें खरीद सकते हैं और टारगेट मिलने पर बेच सकते है, जिससे आपको आगे जाकर वित्तीय फायदा हो सकता है।

Benefits of knowing intrinsic price in Stock Market

शेयर बाजार में हर समय ऐसे कुछ शेयर जरूर देखने को मिलते है जो अपनी कीमत से काफी कम पर ट्रेड करते हैं क्योंकि इन पर कोई ज़्यादा ध्यान नहीं देता लेकिन जब वह कंपनी अचानक से पूरे बाजार में अपनी पहचान बना लेती है तो सब उसके शेयर लेने के पीछे भागने लगते हैं जिससे उसकी वैल्यू पहले से कई गुना बढ़ जाती है।

इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि आप उन शेयर्स को खरीद लें। ऐसा भी हो सकता है कि कंपनी की असलियत सामने आ गयी हो इसलिए शेयर प्राइस नीचे हो। ऐसे में मार्किट समझने में ट्रेडिंग साइकोलॉजी बुक्स आपकी मदद कर सकती है।

क्या Intrinsic Value के हिसाब से किसी स्टॉक का मूल्यांकन करना सही है?

बिलकुल सही तो नहीं कह सकते क्योंकि यह एकदम भविष्यवाणी करने जैसा है। यहाँ तो हम अपने रिसर्च के आधार पर कंपनी की तरक्की प्रतिशत निर्धारित कर रहे है |

हमे क्या पता आगे कंपनी तरक्की करने वाली है या डूबने वाली है और गणित के फॉर्मूले में छोटी बड़ी गलती अक्सर हो जाती है |

Sabse Mehnga share in India stock market

ऐसा भी हो सकता है की कंपनी हमारी सोच से अधिक प्रॉफिट कमाए और दूसरी और कंपनी अभी तो फायदे में दिख रही है लेकिन क्या पता आगे जाकर घाटे में रहे और आपके खरीदते ही शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर चला जाये।

इसलिए हर परिस्तिथि के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। वैसे तो सेबी मार्किट पर नजर रखता है लेकिन आपको अपनी बुद्धि के हिसाब से भी विचार करना चाहिए।

Conclusion

स्टॉक मार्किट अप्रत्याशित है। अभ्यास की आवश्यकता हर जगह होती है इसलिए आप जितना ज्यादा एक्सपेरीमेंट करेंगे उतनी ज्यादा सफलता के निकट पहुंचेंगे।

अपने ज्ञान का टेस्ट लेने के लिए आप पिछले सालों जैसे 2011-2014 की भविष्यवाणी करके 2017-18 में अपना रिजल्ट देख सकते है।

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