भारतीय शेयर बाजार के 5 सबसे महंगे शेयर जिन्हे खरीदने हर किसी के बस की बात नहीं

`जब हम पहली बार कोई शेयर खरीदने जाते हैं तो उसकी मौजूदा कीमत के हिसाब से उसकी वैल्यू को आंकने लगते हैं और जिस भी कंपनी का sabse mehnga share होता है, हम उसे ही सबसे बढ़िया कंपनी समझने की भूल कर बैठते हैं। अब अगर ऐसा होने लगता तो जिन कंपनियों के शेयर की वैल्यू ज़्यादा है उनकी हमेशा ही सबसे ज़्यादा रहती और जिन कंपनियों के शेयर की प्राइस कम है उनमे कोई निवेश ही नहीं करता। 

पहली बार निवेश करते समय हमें एक और समस्या ये रहती है कि अगर शेयर खरीदते ही उसकी कीमत घटने लग गयी तो। ऐसे में कोई नहीं जानता की शेयर प्राइस कितनी ज़्यादा गिरेगी और आपका कितना नुकसान होगा। इससे बचने के लिए रिटेल इन्वेस्टर सबसे सस्ते शेयर की तलाश करते हैं जिनकी कीमत 1 रूपए से भी कम होती है क्योंकि अगर उसकी प्राइस कम होने लगी तो ज़्यादा से ज़्यादा कितनी कम होगी।

उस शेयर की कीमत बहुत ज़्यादा भी गिर गयी तो आपको ज़्यादा नुकसान नहीं होगा। पर ऐसे शेयर खरीदकर आपके पैसे फंस ज़रूर सकते हैं क्योंकि इन्हे बहुत कम लोग ही खरीदते है और एक बार खरीदकर जब बेचने की बारी आती है तो खरीदार ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता है। इसलिए शेयर भले ही महंगा हो पर ऐसा हो जिसमे मुनाफा भी हो और आराम से बिक भी जाये।

Sabse Mehnga share in India

भारतीय शेयर मार्किट में सबसे महंगा शेयर MRF Ltd.(मद्रास रबर फैक्ट्री) कंपनी का है जिसकी कीमत तक़रीबन ₹68,000 है जो एक समय पर ₹98,599 भी गयी थी। एमआरएफ टायर्स भारत की सबसे बड़ी टायर निर्माता कंपनी है जिसकी स्थापना सन 1946 में चेन्नई(formerly Madras) के तिरुवोत्तियूर(Tiruvottiyur) में केऍम मम्मन माप्पिळ्ळै(K M Mammen Mappillai) जी ने की थी।

Sabse Mehnga share in India

वैसे तो कंपनी लगभग सभी वाहनों के टायर बनती है लेकिन कार, बाइक, ट्रक और बस में MRF ने खुद की अलग पहचान बनाई है। जो बात इस कंपनी के टायर में है वो शायद ही कहीं और देखने को मिले। कंपनी ने अपनी ब्रांड वैल्यू ऐसी बना ली है कि आज हर बाइक और कार चलाने वाला इंसान MRF के बारे में जानता है।

दुनिया में Sabse Mehnga share किस कंपनी का है?

दुनिया का सबसे महंगा शेयर Berkshire Hathaway(बर्कशायर हाथवे) कंपनी का है जिसकी कीमत तक़रीबन ₹4 करोड़ है जो स्टॉक मार्किट में IPO आने के समय 4 लाख हुआ करती थी। इस कंपनी की शुरुआत 1839 में ओलिवर वल्लास द्वारा की गयी थी और 1965 में वारेन बुफेट की इन्वेस्टमेंट फर्म ने इसे खरीद लिया। 

जिसके बाद बर्कशायर हाथवे के अच्छे दिन शुरू हो गए। वारेन बुफेट ने अपने बचपन के दोस्त चार्ली मंगर के साथ मिलकर उन कंपनियों के शेयर खरीदना शुरू किया जिनकी कीमत उनकी परफॉरमेंस के हिसाब से काफी कम चल रही थी और उसके बाद क्या हुआ वह तो हम सभी जानते है।

आज उस कंपनी के शेयर की कीमत 4 करोड़ रूपये है और जिन्होंने इस शेयर को होल्ड करके रखा होगा उसकी net worth करोड़ों में होगी पर ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं क्योंकि शेयर मार्किट में अमीर जब बनते हैं जब आप एग्जिट करते हैं।

अब इतने महंगे शेयर खरीदने की हिम्मत तो अम्बानी, महिंद्रा, टाटा और अडानी जी जैसे व्यक्ति ही दिखा सकते है पर दिक्कत ये है कि ऐसे व्यक्ति काफी कम हैं और अगर आप किसी और को ये शेयर बेचना भी चाहें तो संभव नहीं है।

दिखाने के लिए तो आप अमीर हैं पर आप क्या हैं ये आपसे बेहतर कोई नहीं जनता। वैसे महंगे शेयर डिविडेंड भी ज़्यादा देते है लेकिन अगर आप उसे मन मुताबिक नहीं बेच सकते तो ऐसी इन्वेस्टमेंट का कोई फायदा ही नहीं है। अब जानते है कुछ और महंगे शेयर के बारे में जिनका नाम अपने पहले कभी न कभी ज़रूर सुना होगा ।

भारतीय शेयर बाजार के 5 सबसे महंगे शेयर(2022)

पेज इंडस्ट्री(Page Industries)

इस कंपनी के शेयर की मौजूदा कीमत ₹40,000 जो एक समय ₹45,800 भी गयी थी और नीचे की बात करें तो पेज इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत हाल फिलहाल में 2021 के अंदर ₹29,119 तक भी गिर गयी थी। 

अब आप ये सोच रहे होंगे भला ये कोनसी कंपनी है जिसका शेयर इतना महंगा है और आपने इसका कभी नाम ही नहीं सुना?  घबराने की कोई बात नहीं है, ये एक टेक्सटाइल कंपनी है जो undergarments बनाती है।

आप जो महँगा जॉकी का कच्छा खरीदते हैं वो यही कंपनी बनाती है। यह जॉकी और स्पीडो की पैरेंट कंपनी है| जॉकी(Jockey) जहाँ मर्दों के लिए अंडर गारमेंट बनाती है वहीँ स्पीडो(Speedo) महिलाओं के लिए अंडर गारमेंट तैयार करती है । 

हनीवेल ऑटोमेशन(Honeywell Automation)

हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया एक अमेरिकन कांग्लोमरेट कंपनी की भारतीय सब्सिडियरी है जिसकी शुरुआत 1987 में Honeywell और टाटा समूह के द्वारा मैन्युफैक्चरिंग, डिज़ाइन और इंजीनियरिंग फैसिलिटी के रूप में पुणे के अंदर की थी।

आज इस कंपनी के शेयर की कीमत 33,449 रूपये है जो एक बार 47,000 रूपये तक भी जा चुकी है। यह कंपनी दुनिया भर में हनीवेल व्यवसायों को उत्पाद समाधान और विश्लेषण, नया उत्पाद परिचय, उन्नत अनुसंधान और प्रौद्योगिकी और आईटी और व्यवसाय प्रक्रिया समाधान सहायता प्रदान करता है।

श्री सीमेंट्स(Shree Cements)

श्री सीमेंट के एक शेयर की कीमत 18,000 रूपये है जो 2021 में ₹31,000 थी। फिलहाल इस कंपनी का शेयर 52 हफ़्तों के निचले स्तर के आसपास ट्रेड कर रहा है और अभी तो पता नहीं ये कितना नीचे जायेगा। लेकिन Shree सीमेंट का नाम आज भी भारतीय शेयर बाजार के सबसे महंगे शेयर में शुमार है और ये इस लिस्ट की इकलौती ऐसी कंपनी है जिसका नाम निफ़्टी 50 में भी शामिल है।

3M India

3M India के एक अमेरिकन बेस्ड कंपनी की सब्सिडियरी है जिसके शेयर की कीमत 18,000 रूपये है। वैसे तो कंपनी का काफी फैला हुआ बिज़नेस है लेकिन इनकी गोंद और चिपकने वाली टेप सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला उत्पाद है। यह कंपनी दुनिया भर की तरह की एडहेसिव और टेप्स तैयार करती है जिससे कुछ भी कहीं पर चिपका सकते है जैसे बिल्डिंग मटेरियल, डेंटल, कटिंग्स, दीवार पर डिज़ाइन चिपकने वाली फिल्म्स और सीटिंग, चिपकने वाले लेबल्स, लुब्रिकेंट्स, और भी बहुत सारे चिपचिपे उत्पाद। 

नेस्ले इंडिया(Nestle India)

नेस्ले इंडिया एक स्विस मल्टीनेशनल कंपनी की सब्सिडियरी है जिसके एक शेयर की कीमत लगभग 16,929 रूपये है जो एक समय पर 20,000 रूपये भी गयी थी। खाद्य पदार्थों से लेकर घर-घर में पसंद की जाने वाली मैगी और नेस्कैफे कॉफ़ी भी यही कंपनी बनाती है। 

1959 में भारत आयी ये कंपनी आज भारत के Consumer Goods सेगमेंट में सालाना सबसे ज़्यादा तरक्की करने वाली कंपनी बन गयी है जिसका मार्किट कैपिटलाइजेशन 1 लाख करोड़ से भी ज़्यादा का है। फ़िलहाल तो नेस्ले इंडिया के शेयर की प्राइस गिरती ही जा रही है क्योंकि अभी पूरी दुनिया में बियर मार्किट चल रहा है तो आपके डीमैट अकाउंट में लाल निशान दिखना आम बात है। 

Conclusion

अब इन सभी कंपनियों को देखकर ख़ुशी भी होती है और थोड़ा दुःख भी। दुःख इसलिए होता है क्योंकि पांच में से तीन कंपनियां तो बाहर की हैं जिनके आगे बस भारत का नाम जुड़ा है और ख़ुशी इसलिए होती है क्योंकि ये कम्पनियाँ भारत में रहकर तरक्की कर रही हैं और आज भी भारतीय शेयर मार्किट के अंदर Sabse Mehnga share एक भारतीय कंपनी MRF का ही है। 

वो भारत जिसे बाहर से आने वाले लुटेरों ने कितना लूटा और अंग्रेज भी लूट कर ले गए। फिर भी आज इन विदेशी कंपनियों का सामान इनके देश से ज़्यादा भारत में बिकता है और ये उसके बाद भी हमे ही आँख दिखाते हैं। हमें इन चोरो पर ध्यान नहीं देना है बल्कि अपने देश की तरक्की पर ध्यान देना और भारतवर्ष को आगे ले जाना है।

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