Trading in the Zone Hindi, 5 सबसे महत्वपूर्ण बातें

Trading in the Zone ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी सबसे बेहतरीन किताबों में से एक है जो हर शुरुआती ट्रेडर को पढ़नी चाहिए। अक्सर हम भेड़चाल के चक्कर के अपना नुक्सान करवा बैठते हैं और मन मुताबिक प्रॉफिट बुक नहीं कर पाते। लेखक मार्क डगलस द्वारा लिखी गयी यह बुक आपको स्टॉक मार्किट में सही रवैया रखना सिखाएगी ताकि आपका नुकसान कम से कम हो और प्रॉफिट ज़्यादा।

आजकल तो लगभग सभी के हाथ में स्मार्टफोन हैं और चारों तरफ जहाँ नज़र उठाओ सबको ट्रेडिंग करनी है और लाखों कमाने हैं लेकिन ये इतना भी आसान नहीं है जितना लगता है। अगर ट्रेडिंग करना इतना आसान होता तो हर कोई अमीर बन चुका होता।

वैसे तो भारत में गरीबी से बुरा हाल है लेकिन हाल ही में किये गए एक शोध के अनुसार 2021 वित्तीय साल में 1 करोड़ से भी ज़्यादा डीमैट अकाउंट खोले गए और सितम्बर 2022 में जब हम ये लेख प्रकाशित कर रहे हैं उस समय एक्टिव डीमैट अकाउंट की संख्या 10 करोड़ के पार जा चुकी है।

जिसने भी स्टॉक मार्किट का नाम सुना है उसने अपना डीमैट अकाउंट खुलवाया है। अब ये जानकारी मिलने के अनेकों माध्यम हो सकते हैं जैसे क्या पता उन्हें अपने पड़ोसी से पता चला हो, किसी अन्य रिश्तेदार से, अपने दोस्त से, या फिर ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से |

पर आप शेयर मार्किट के बारे में केवल पता करके अमीर नहीं बन सकते। तो फिर आपको क्या करना होगा ? जानते है इस किताब से।

ट्रेड लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखे?

अब हम मान रहे हैं कि आप जिस शेयर में ट्रेडिंग करने वाले हैं उसमे आपने कैंडलस्टिक पैटर्न देखकर पूरा टेक्निकल एनालिसिस किया है और उसी हिसाब से आपने अपनी लॉन्ग या शार्ट पोजीशन बना ली है | फिर भी आप यह नहीं बता सकते कि आप सही हैं या नहीं क्योंकि यह मार्किट अप्रत्याशित है और यहाँ कुछ भी हो सकता है।

सही स्ट्रेटेजी का चुनाव करें और उस पर डटे रहें

आपने अगर सही स्ट्रेटेजी का चुनाव किया है तो भले ही आपको 10 में से 4 बार नुकसान हो लेकिन 6 बार फायदा ही होगा। अब दिक्कत ये हो जाती है कि आप जानते नहीं कि आपको प्रॉफिट कब होगा।

लगातार आपका चार ट्रेड में नुकसान हो जाता है तो आप आगे यह सोचकर ट्रेड नहीं करते कि यह ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी तो बेकार है और नयी स्ट्रेटेजी को इस्तेमाल करने लगते हैं, आपको फिर नुकसान होता है और ये नुकसान का चक्र यूँही चलता रहता है।

Trading in the zone book lessons in hindi

आप अगर बुलिश कैंडल पैटर्न को फॉलो करते हैं तो उसे ही करिये, बेयरिश कैंडल को देखते हैं तो उसे ही करिये, इनसाइड कैंडल को देखते है तो उसको ही देखिये। अगर आपका पैटर्न आज नहीं दिखाई दे रहा है तो ट्रेड मत कीजिये।

जोश में होश न खोये

वहीं अगर आपको लगातार चार बार फायदा हो जाये (जो कि कभी होता नहीं) तो आप ख़ुशी से पागल हो जाते हैं और अगली ट्रेड में अपनी सारी पूंजी लगा देते हैं। जिसका परिणाम एक बड़ा नुकसान होता है जो सारा प्रॉफिट एक बारी में साफ़ कर देता है।

इसलिए अपने जितनी पैसे ट्रेडिंग के लिए निकालकर रखें हैं केवल उन्ही का इस्तेमाल करें और अगर प्रॉफिट होता है तब भी उस प्रॉफिट से ट्रेड करें न कि अपनी तरफ से एक्स्ट्रा पैसे ऐड करें। उतने ही पैसे लगाएं जितने खोने का आपको कोई गम न हो क्योंकि कोई नहीं जानता कि आगे मार्किट में क्या हो सकता है।

Trading in the Zone Book Important Lessons in Hindi

अब समय आ गया है उन बातों को करने का जो आपको एक सफल ट्रेडर बनाएंगी। इन बातों का पालन करके आपको फायदा भले ही न हो लेकिन नुक्सान भी नहीं होगा।

Trading in the zone hindi lessons

ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी 5 अहम बातें

Trading in the Zone के लेखक मार्क बताते हैं कि ट्रेडिंग करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है पैसा। अगर आपके पास पैसे ही नहीं बचेंगे तो आप ट्रेडिंग कैसे करेंगे इसलिए अपने पैसे बचाने पर सबसे ज़्यादा देना चाहिए। ये पांच बातें आपके पैसे बचाने में मदद करेगी।

#1 निष्पक्ष रूप से अपने प्रॉफिट की पहचान करें

अगर कोई शेयर अपने 200 रूपये का ख़रीदा है और आपने पूरी रिसर्च करने के बाद 30 रूपये ऊपर का टारगेट निर्धारित किया है तो जैसे ही आपका टारगेट पूरा होता है आपको वह शेयर बेच देना है। अब उसके बाद वह शेयर 240 जाये तो आपको फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि हो सकता है अगले दिन वह फिर 210 पर आ जाये और आप जितना प्रॉफिट कर सकते थे उतना न हो।

ऐसा भी हो सकता है कि अब वह शेयर गिरना शुरू हो जाये और आपको फायदे की बजाये नुकसान में बेचना पड़े। आपको जब भी 30 रूपये या जितना टारगेट आपने रिसर्च करके निकला है उतना प्रॉफिट हो जाये तो आपने प्रॉफिट बुक करके पोजीशन क्लोज कर देनी है।

#2 नीचे का भी टारगेट लगाएं

अक्सर ऐसा होता है कि जिस दिन आप शेयर खरीदते हैं वह उसी दिन से गिरने लगता है। इससे बचने के लिए एक नीचे का भी टारगेट निर्धारित करें और जब वह उतना गिर जाये तो फिर बिना शर्माए नुकसान में बेच दे क्योंकि आगे जाकर इससे भी बड़ा नुकसान हो सकता है।

Trading in the zone book summary in hindi

आप 1 रूपये के नुकसान और 3 रूपये के फायदा ढूंढ सकते है। जैसे आपने 200 रूपये वाले शेयर की कीमत 230 होने पर प्रॉफिट के साथ बेच दिया था जबकि 190 होने पर 10 रूपये का लॉस होने पर भी बेच दिया था। आपको फायदा और नुकसान दोनों होते है लेकिन पहले क्या होता है, ये देखना है।

अगर अपने जितना नुकसान होने पर बेचने का सोचा था वो शेयर उस कीमत पर पहुँच गया तो शांति से बेच दीजिये क्योंकि कोई नहीं जानता कि वो आगे कितना गिरेगा लेकिन अगर सारा बाजार ही गिरा है तो आप जरूर कुछ समय मार्किट के ऊपर जाने का इंतज़ार कर सकते हैं। यदि मार्किट बढ़ती है लेकिन आपका शेयर नहीं बढ़ता तो इसका मतलब भी ये है कि आपको शेयर बेच देने हैं।

#3 लगातार अपनी गलतियों से सीखे

अपने ट्रेडिंग के तरीके में त्रुटियां निकालने के लिए अपनी संवेदनशीलता की लगातार निगरानी करें ताकि यह पता लगाया जा सके कि गलती कहाँ पर हो रही है। क्या आपकी ट्रेडिंग साइकोलॉजी में कमी है या फिर आपकी स्ट्रेटेजी ही गलत है।

आप ठीक समय पर बेच नहीं पा रहे या फिर ऐसा भी हो सकता है कि आप पहले से ही शेयर को महंगा खरीद रहे हैं और अगले दिन जब उस शेयर के गिरने के समय आया तो उस समय पर आप बेच रहे है | ऐसे में आपको नुक्सान नहीं तो और क्या होगा।

#4 अपने डर पर नियंत्रण रखें

कभी कभी कोई शेयर नीचे आकर बहुत ऊपर चला जाता है। ऐसे में जब हमारा स्टॉप लॉस ट्रिगर होता है तो हमे गुस्सा आता है। हालाँकि लम्बी ट्रेडिंग में ऐसा बहुत कम बार होगा लेकिन अगर आप इंट्राडे ट्रेडर हैं तो दिक्कत हो सकती है।

ऐसे में डर और गुस्से पर थोड़ा नियंत्रण करना होगा। आपको आगे लॉस हुआ तो गुस्से में आकर सारी पूंजी नहीं लगानी है। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसका मतलब आपने पिछले ट्रेड से कुछ नहीं सीखा। अगर सीखेंगे नहीं तो वही गलती दोबारा होगी और सफल ट्रेडर बनना तो दूर की बात है आप सारे पैसे खो देंगे।

वही दूसरी तरफ अगर आप अनुशासन के साथ ट्रेडिंग करते है, निर्धारित प्रॉफिट होने पर एग्जिट कर देते हैं, और स्टॉप लॉस लगने पर बेच देते हैं तो ऐसे में डर आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगा। अगर आपको ट्रेडिंग में अनुशासन के बारे में सीखना है तो The Disciplined Trader को देख सकते है।

#5 प्रैक्टिकल होकर ट्रेड करें और अपनी इच्छाओं में न बहें

अगर आपने कोई गलत ट्रेड चुन ली है तो आपके शोर मचने या गुस्सा करने वो सुधर तो नहीं जाएगी और दूसरी तरफ अगर अपने कोई बढ़िया ट्रेड ली है तो आपके बुरा बोलने पर भी वह अच्छा प्रदर्शन करेगी।

अपने हिसाब से तो आपको सबसे शानदार ट्रेड लेनी है लेकिन उसके बाद जो होता है वो आपको ध्यान से देखना है। वो नीचे भी जा सकता है और ऊपर भी ।

कुछ भी हो आपको अपनी भावनाओं में नहीं बहना है । अगर अपने 10 रूपये नीचे का स्टॉप लॉस लगाया था और आज शेयर 5 रूपये गिर गया तो ज़रूरी नहीं की वो कल भी गिरेगा और वैसे भी अगर गिरा भी तो आपका नुकसान तो फिक्स है।

हो सकता है कि वह कल 10 रूपये बढ़ जाये और जहाँ आप 5 रूपये के लॉस बेचने वाले थे वही आपको 5 रूपये का प्रॉफिट देखने को मिले इसलिए उम्मीद न खोये और अनुशासन के साथ ट्रेडिंग करें।

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