बैंक रन क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

2008 में अमेरिका में एक आर्थिक संकट हुआ था, जिसे आमतौर पर ‘वित्तीय संकट’ के नाम से जाना जाता है। इस संकट के कारण बहुत से बैंक और वित्तीय संस्थाएं अपनी वित्तीय स्थिति से परेशान थीं, जिससे विश्व भर के लोग प्रभावित हुए।

बैंक कोई भी डूबे, उसके मुख्य कारण दो ही होते हैं: पहला, कोई बड़ा फ्रॉड सामने आ जाये, दूसरा, बैंक के पास इतने पैसे न हो और निकलने वालो की दौड़ लग जाये जिसे हम कहते हैं Bank Run या बैंक दौड़।

उस समय मंदी आने का कारण अमेरिका के दो बड़े बैंक का दीवालिया हो जाना था जैसे आज सिलिकॉन वैली बैंक या SVB और Signature Bank हो गए जिसमे की SVB तो भारत के HDFC बैंक जितनी पूंजी संभालता था। हालाँकि इस बैंक के पूंजी जुटाने के कारण भारतीय बैंक से काफी अलग हैं इसलिए हम अपने देश के बड़े बैंक पर भरोसा कर सकते हैं ।

हम पहले ही YES बैंक का उदाहरण देख चुके हैं कि कैसे वो दीवालिया होने वाला था लेकिन भारत के बड़े बैंको ने उसे बचा लिया।

अर्थव्यवस्था में कुछ भी चल रहा हो ट्रेडिंग हमेशा चलती है और यदि हम मार्किट सेंटीमेंट्स के साथ चले फिर चाहे वे बेयरिश हो या बुलिश, हम पैसे बना सकते हैं। हमे सही कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करनी है और यदि आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो Trading in the Zone आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

Bank Run क्या है?

बैंक रन एक ऐसी स्थिति होती है जब बैंक से जमा रकम की मांग इससे अधिक हो जाती है। जब ऐसा होता है तो बैंक में दुश्वारी आती है और लोग अपनी जमा रकम वापस नहीं ले पाते हैं। यह समस्या ज्यादातर छोटे बैंकों और सहकारी बैंकों में होती है।

Bank Run Kya Hai और इससे कैसे बचे

अगर हम एक उदाहरण देखें तो हम इसे अच्छी तरह से समझ सकते हैं। सोचिए कि आप अपनी पॉकेट में रुपये 10 हजार रखते हैं और आप ने एक छोटे से बैंक में जमा कर दिए हैं। अब सोचिए कि आपके समान अन्य लोगों ने भी इस बैंक में जमा किया हो तो जब इस बैंक से सभी लोग एक ही समय पर अपनी जमा रकम वापस लेना शुरू कर देंगे तो बैंक का सिस्टम कैसे सहेजेगा?

इस स्थिति में बैंक के पास कुछ भी पैसा नहीं होता है, और उन्हें दूसरे बैंक से पैसे लेने की जरूरत होती है। अगर अधिक से अधिक लोग जमा रकम वापस लेने के लिए उपस्थित होते हैं तो बैंक के पास पैसों की कमी होने से Bank Run की समस्या होती है।

Bank Run की समस्या का सामना छोटे बैंकों और सहकारी बैंकों में ज्यादा होता है क्योंकि ये बैंक अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम जमा रकम वाले लोगों के लिए होते हैं। इसलिए, इस समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय होते हैं जो हम यहां देखेंगे।

Bank Run से कैसे बचा जा सकता है?

पहला उपाय है कि लोगों को बैंक में जमा रकम नियमित रूप से जमा करनी चाहिए। यदि एक व्यक्ति या कुछ लोग एक ही समय पर अपनी जमा रकम वापस लेने का प्रयास करेंगे, तो इससे बैंक रन की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

दूसरा उपाय है कि बैंकों को बचाने के लिए Reserve Bank की मदद ली जा सकती है। रिजर्व बैंक देश की मुख्य बैंक होती है जो बैंकों को पैसों की आपूर्ति करती है और उन्हें विभिन्न वित्तीय सेवाएं भी प्रदान करती है। अगर कोई Bank Run की समस्या से गुजर रही होती है, तो उस बैंक को रिजर्व बैंक से उचित मदद मिल सकती है |

2008 Financial Crisis Explained in Hindi

2008 में अमेरिका में एक आर्थिक संकट हुआ था, जिसे आमतौर पर ‘वित्तीय संकट’ के नाम से जाना जाता है। संकट में कुछ प्रमुख बैंकों में शामिल थे, जिनमें से सबसे बड़ा बैंक Lehman Brothers था। इसके अलावा, मेरिल लिंच, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीग्रुप, जे पी मॉर्गन चेस आदि भी इस संकट में शामिल थे।

2008 financial crisis due to bank run
New York Stock Exchange; Image via NYSE

इस संकट से दुनिया भर में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ और अनेक लोग बेरोजगार हो गए। इसके अलावा, इस संकट ने विश्व अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया। बहुत से देशों में आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी और विश्व अर्थव्यवस्था में स्थिरता नहीं थी। उस समय दुनिया भर के शेयर बाज़ारो में कैंडलस्टिक चार्ट में केवल बड़ी बड़ी लाल कैंडल दिख रही थी।

2008 में आर्थिक संकट आने का क्या कारण था?

इस संकट का मुख्य कारण था हाउसिंग मार्केट के ध्यानवर्धक गिरावट और बैंकों के उस समय लोगों के लोन देने की ज़्यादा तरीकों में उतार चढ़ाव।

बैंक और वित्तीय संस्थाओं ने लोगों को घर खरीदने के लिए बहुत सारे लोन दिए, जिनमें अधिकतम हिस्सा उन लोगों को मिले जो कि इन लोन को चुकाने में नाकाम रहे। इसके परिणामस्वरूप, बैंक और वित्तीय संस्थाएं बहुत समय तक अपने कारोबार चलाने के लिए ज़रूरी नकदी की आवश्यकता नहीं पूरी कर पाईं।

Reasons behind 2008 financial crisis in hindi

इससे बैंकों में विश्वास कम हो गया और लोगों ने लोन के तत्काल चुकाने के लिए जमा राशि निकालना शुरू कर दिया। यह संगठित रूप में हुआ, जिसे हम ‘Bank Run’ के नाम से जानते हैं। जब लोगों ने अपनी जमा राशि निकालना शुरू कर दिया, तब बैंकों में नकदी का अभाव हो गया था। बैंक ने इस समस्या को हल करने के लिए अन्य बैंकों से उचित तरीके से कर्ज लिया, लेकिन यह समस्या इतनी बढ़ गई थी कि बैंक नकदी की अभाव के कारण बंद हो गए।

इस संकट के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा नुकसान हुआ। बहुत से बैंक अपनी व्यापक संपत्ति खो देने के कारण दिवालियापन के बॉग में फंस गए। इसके अलावा, इस Bank Run संकट के कारण अन्य देशों में भी अस्थिरता हुई, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया गया।

इस संकट के बाद, अमेरिकी सरकार ने कई कदम उठाए, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण कदम ‘तार्प’ यानी ट्रबल्ड असेट रिलीफ प्रोग्राम था। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने बैंकों को स्थायी उधार देने के लिए पैसे दिए और इससे बैंकों को अपनी स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक संसाधन प्राप्त हुए।

इसके अलावा, अमेरिकी सरकार ने नियंत्रण बैंकों को मजबूत बनाने और उन्हें नए नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए बाध्य किया।

इस संकट से हमें एक सीख मिली है कि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को संभावित संकट से बचने के लिए विवेकपूर्वक निवेश करना चाहिए और अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए। साथ ही, नियमों और विनियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है जिससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं की स्थिति मजबूत होती है।

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