Inside Candle शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाली 35 सबसे शक्तिशाली कैंडल पैटर्न में से एक है। यह एक ऐसी कैंडल है जिसके गलत होने की सम्भावना बेहद कम होती है।
हालाँकि फेल तो ये भी होती है क्योंकि मार्किट गतिशील है और हर समय बदलता रहता है लेकिन बड़े ट्रेडर इस पर थोड़ा ज़्यादा भरोसा करते हैं।
अगर आपने किसी बड़े ट्रेडर को इस कैंडल का नाम लेते सुना हो तो आप कमेंट करके बता सकते हैं। हमे अच्छा लगेगा कि आप सीखने में आनंद ले रहे हैं |
देखिये कोई भी पेट में से सीखकर नहीं आता है (अभिमन्यु को छोड़कर), सभी को यही सीखना पड़ता है और ऐसे में अगर आप अपने गुरु का नाम लिखते हैं तो ये गर्व की बात है। तो चलिए समझते हैं इस दमदार कैंडलस्टिक पैटर्न को |
Inside Candle क्या है?
Inside candle, जिसे हरामी या Inside bar candle Pattern के रूप में भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली कैंडलस्टिक पैटर्न है जो मार्किट में हो रही हलचल के बारे ट्रेडर को जानकर देता है जिससे ट्रेडिंग थोड़ी आसान हो जाती है।
यह उस समय बनता है जब किसी विशेष ट्रेडिंग दिन की सीमा पिछले दिन की सीमा के भीतर पूरी तरह से घिर जाती है |आसान भाषा में, यह कैंडल देखने में बिलकुल हरामी कैंडल जैसी दिखती है।
इस पैटर्न का उपयोग आमतौर पर निफ्टी50, बैंकनिफ्टी और बीएसई सेंसेक्स जैसे विभिन्न इंडेक्स में संभावित ट्रेंड रिवर्सल और ब्रेकआउट की पहचान करने के लिए किया जाता है।
आपकी समझ में पढ़कर आ गया तो वाकई में आप बहुत बुद्धिमान है। ऐसे मेरी समझ में नहीं आया था इसलिए मैने आपको समझने के लिए एक लाइव चार्ट पैटर्न खोल लिया |
जैसा की आप देख सकते हैं, अभी की कैंडल का हाई और लो पिछले कैंडल के High और Low के अंदर ही है।
मतलब पहले दिन एक कैंडल बनी और अगले दिन मार्किट कही उस कैंडल के बीच में ओपन हुआ और बिना पिछली कैंडल का High-Low तोड़े बिना थोड़ा सा ऊपर या नीचे जाकर बंद हो गया।
इस पैटर्न को व्यापारियों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है क्योंकि यह वर्तमान प्रवृत्ति के संभावित उलट या जारी रहने का संकेत देता है। यह ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत कारगर साबित हो सकता है।
जैसे ऊपर दिए गए कैंडल पैटर्न में जो बीच वाली कैंडल है वो इनसाइडर कैंडल है। इसके बाद जो बड़ी बॉडी वाली हरी कैंडल बनती है वह बताती है कि स्टॉक प्राइस अब चढ़ने वाला है।
इसी जगह पर एक और प्रकार की कैंडल बन सकती थी जिसे हम हरामी कैंडल कहते पर वह कुछ इस प्रकार की दिखाई देती है।
जैसे एक गर्भवती महिला का पेट होता है वैसे ही यह कैंडल पैटर्न है। यह पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बनता है जिसमे अगली कैंडल पिछले कैंडल के बीच में होती है।
यह दो प्रकार की हो सकती है: बुलिश हरामी और बेयरिश हरामी। जब यह किसी डाउनट्रेंड या अपट्रेंड का बाद में बनती है तो इसकी एक्यूरेसी बढ़ जाती है |
हरामी और इनसाइड कैंडल में अंतर
इसमें और Inside bar में बस थोड़ा सा डिज़ाइन का अंतर है |
जहाँ हरामी पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बनता है वही इनसाइड bar जब पूरा होता है जब तीसरी कैंडल बन जाती है।
एक हरामी पैटर्न हमेशा इनसाइड कैंडल होता है लेकिन हर इनसाइड कैंडल हरामी नहीं होती |
एक इनसाइड कैंडल के अंदर दूसरी कैंडल भी बन सकती है जो मार्किट में हो रहे कंसोलिडेशन को दिखाती है जबकि हरामी पैटर्न के बाद अगले दिन से ही ट्रेंड रिवर्स हो जाता है नहीं तो हरामी फैल।
ट्रेडिंग में Inside Candle का उपयोग:
इनसाइड कैंडल का इस्तेमाल ज़्यादातर लोग ट्रेडिंग में करना पसंद करते हैं क्योंकि उसमे जल्दी रिजल्ट मिल जाता है।
1. Trend Reversal पहचानने में
जब ये पैटर्न इम्पोर्टेन्ट सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर बनते हैं, तो ये संभावित ट्रेंड रिवर्सल का संकेत दे सकते हैं।
एक बुलिश इनसाइड कैंडल (जैसे ऊपर वाले चार्ट में दी गयी है) सपोर्ट लेवल पर बने तो वह तेजी का संकेत हो सकता है।
एक बेयरिश इनसाइड कैंडल resistance लेवल पर बने तो वह मंदी का संकेत हो सकता है।
2 ब्रेकआउट की पहचान में
इस बात को तो सभी ट्रेडर मानते हैं कि कंसोलिडेशन के बाद जो ब्रेकआउट होता है वह सबसे बेहतरीन माना जाता है।
ऐसे में इनसाइड कैंडल का इस्तेमाल Trading Range पहचानने में होता है।
एक बुलिश इनसाइड कैंडल के ऊपर होने वाला ब्रेकआउट अपट्रेंड के चलते रहने का संकेत दे सकता है।
जबकि एक बेयरिश इनसाइड कैंडल के नीचे का ब्रेकडाउन डाउन ट्रेंड की निरंतरता को दर्शाता है।
3. Entry/Exit में
Traders अपने ट्रेडों के लिए प्रवेश और निकास बिंदु निर्धारित करने के लिए इनसाइड कैंडल्स का उपयोग कर सकते हैं।
एक Long Trade तब किया जा सकता है जब कीमत बुलिश इनसाइड कैंडल के ऊपर निकल जाये, माँ मोमबत्ती के नीचे का स्टॉप-लॉस लगाकर।
एक Short Trade तब किया जा सकता है जब कीमत बेयरिश इनसाइड कैंडल के नीचे निकल जाये, माँ मोमबत्ती के हाई के ऊपर का स्टॉप-लॉस लगाकर।
Inside Candle की Accuracy
Inside Candles ट्रेंडिंग बाजार में बढ़िया काम करती हैं खासकर की उस समय जब बाजार अपने जरुरी सपोर्ट या रेज़िस्टेंस पर खड़ा हो।
अतिरिक्त तकनीकी विश्लेषण टूल, जैसे ट्रेंड लाइन्स, मूविंग एवरेज और ऑसिलेटर्स का उपयोग करके Inside Candles की सटीकता में सुधार किया जा सकता है।
कुछ बड़े ट्रेडर तो इनसाइड कैंडल को देखकर ही स्टॉक मार्किट में पैसे लगाते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप भी कॉपी करने लग जाओ।
पहले अच्छी तरह से समझिये और तब कोई एक्शन लीजिये नहीं तो पता नहीं आप किसी भी कैंडल को इनसाइड बोलकर अपना नुकसान कर लो।
इनसाइड कैंडल कब फेल होती है?
इनसाइड कैंडल्स विफल हो सकती हैं जब ब्रेकआउट में गति का अभाव होता है या जब पैटर्न अस्थिर बाजार में होता है।
एक नकली ब्रेकआउट से नुकसान हो सकता है, इसलिए प्रॉपर रिस्क मैनेजमेंट तकनीकों का उपयोग करना आवश्यक है, जैसे स्टॉप-लॉस ऑर्डर और पोजीशन साइजिंग।
सभी पैटर्न हमेशा काम नहीं करते और कभी न चलने वाले पैटर्न भी कभी चल जाते हैं। ऐसा अधिकतर उस समय होता है जब बाजार में कोई बड़ी खबर आ जाती है |
जैसे हल ही में अमेरिका का एक बड़ा लोन देने वाला बैंक SVB बैंक रन जैसी समस्या के चलते दिवालिया हो गया जिसने अमेरिकी बाजार को हिलाकर रख दिया। इसमें बहुत सारे लोगों के पैसे डूब गए।
उस समय बाजार सिर्फ लोगों की भावनाओं पर टिका हुआ था और आज फिर से अमेरिकी बाजार Nasdaq ने रिकवरी कर ली है पर फिर भी भारतीय बाजार सबसे अच्छी हालत में हैं इसलिए दुनिया भर के निवेशक भारत में पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं |
यह तो बाजार है, चलता फिरता रहता है लेकिन आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना है क्योंकि बाजार कमजोर दिल वालो के नहीं है। प्रॉफिट के साथ में नुकसान भी होता है, ऐसा एक भी ट्रेडर नहीं जिसने कभी लॉस न देखा हो।
आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे बुकमार्क कर सकते हैं और अगर आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।